हरेराम सिंह (हिंदी कवि,कहानीकार व आलोचक)
लेखक-परिचय:हरेराम सिंह का जन्म ३० जनवरी १९८८ ई.को बिहार के रोहतास जिला के काराकाट प्रखंड के करुप इंगलिश गाँव में पितामह लाल मोहर सिंह कुशवंशी के घर हुआ।पिता राम विनय सिंह व माँ तेतरी कुशवंशी अच्छे किसान हैं।सिंह की प्रारंभिक शिक्षा करुप व गोड़ारी में हुई। इनकी मिडिल कि शिक्षा ईटवा से,माध्यमिक हाई स्कूल बुढ़वल से,इंटरमीडिएट व स्नातक (प्रतिष्ठा)अनजबित सिंह कॉलेज बिक्रमगंज रोहतास से हुई।नालंदा खुला विश्वविद्यालय-पटना से एम.ए तथा वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय-आरा से पीएच.डी.की डिग्री प्राप्त की। डॉ.हरेराम सिंह एक चर्चित कवि,आलोचक,कहानीकार व उपन्यासकार हैं।अबतक इनकी पंद्रह पुस्तकें प्रकाशित हैं।"हाशिए का चाँद "," रात गहरा गई है!","पहाडों के बीच से","मैंरक्तबीज हूँ!"(कविता संग्रह),"डॉ.ललन प्रसाद सिंह: जीवन व साहित्य ",ओबीसी साहित्य का दार्शनिक आधार"," हिंदी आलोचना का प्रगतिशील पक्ष "," हिंदी आलोचना का जन पक्ष","हिंदी आलोचना का बहुजन दृष्टिकोण "," डॉ.राजेंद्र प्रसाद सिंह की वैचारिकी,संस्मरण एवं साक्...