हरेराम सिंह
युवा कवि हरेराम सिंह का कविता संग्रह ' रात गहरा गई है ! ’ कुछ समय पूर्व मुझे प्रियवर सुमन कुमार सिंह जी के सौजन्य से प्राप्त हुआ । इसका प्रकाशन 2019 में ही हुआ था लेकिन तब से हरेराम जी से भेंट नहीं हुई है । यह पुस्तक भी वे मेरी अनुपस्थिति में ही सुमन जी को दे गए थे । यह उनका संभवतः पहला ही संग्रह है जिसके कारण इसमें उनके प्रारंभिक दौर की कुल 141 रचनाएं शामिल हैं । इसमें प्रकृति है ,परिवार है , गांव -समाज है , सामाजिक आर्थिक व्यवस्था के प्रति आक्रोश है और कई आदरणीय लोगों के प्रति सम्मान और श्रद्धा से ओतप्रोत भावनाओं की सहज अभिव्यक्ति है । अपनी एक रचना में उन्होंने मुझे भी सादर स्मरण किया है। -नीरज सिंह