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Showing posts from April, 2025

उस दिन

मैं आपको सुन सकता हूँ । आपको समझ सकता हूँ ।  अपने दुःखों को ताक पर रखकर, समझौता कर सकता हूँ क्योंकि आपसे प्रेम करता हूँ । पर जिस दिन दुनिया आपकी न ही सुनेगी, न ही समझेगी उस दिन आपको लगेगा यह लड़का न सिर्फ मेरी सोच के करीब था; बल्कि दिल के भी करीब था । मुझे एक झलक पाने के लिए महीनों और कभी अंदर - अंदर वर्षों तड़पा करता था , रोया करता था , भगवान से मिन्नते मांगा करता था, उसकी हरकत बचकानी नहीं थी, उसका प्रेम था । शायद उसकी जिंदगी में प्रेम का अभाव था, आया था मुझसे प्रेम मांगने ।  और तो और उसे ही मालूम थी - टाइम, प्रेम और आदमी की वैल्यू । वह यह भी कि उसकी आँखों में पानी जरूर था । पर, वह न कमजोर था, न बहुत गरीब । वह कमजोर, भावुक , भीखेरा इसलिए था; क्योंकि वह मुझसे प्रेम कर बैठा था ...!!! वह साल में दो- तीन अच्छी मुलाकातें मांगता था जिसे वह गर्व के साथ प्रेम कह सके । वह डटकर अपनी जिम्मेवारियों को निभा भी रहा था । बस, कुछ अभाव थे उसकी जिंदगी में... जिसे पूरा कर रहा था वह मेरी आँखों में देखकर ।  आपको हैरत होगा एक दिन कि क्या मुझमें उसे दिख गया था कि वह मेरे लिए पागल था....!!!

जी रहा हूँ

आपको जी रहा हूं मन के स्तर पर हृदय के स्तर पर .......... .......... आगे डर भी लगता है आप कहीं दूर न जाएँ ......... कुछ नहीं.... 🌹♥️ I love 💕 you!!! हे माँ ! मेरे जीवन को सरल बना दे । मैं किसी को कष्ट नहीं देना चाहता । लेकिन, माँ कभी- कभी ऐसा लगता है कि मैं कितना अभागा हूँ । मेरे अभ्यांतर को कभी- कभी इतना कष्ट क्यों देती हो माँ ! माँ, क्या मैं सचमुच गलत हूँ ? क्या मैं अपने जीवन में किनारा नहीं पाऊँगा ? मुझे किनारा दो माँ ! मुझसे असीम धैर्य, आँखों में प्रतीक्षा और हृदय में कभी रिक्त न होने वाला प्रेम में दो । .... कुछ सजा भी । देर रात मुझे नींद नहीं आ रही.... ये आँख के आँसू सूख- सा गए ... निकल भी नहीं रहे हैं... कि जी हल्का हो जाए । इस दुनिया को जीतकर क्या करूँगा? सबकुछ मिलेगा, पर आप नहीं मिलोगे । जब दिल आपको खोजता है तो यह सुनहरी दुनिया फीकी लगती है । पाँच मिनट की मुलाकात भी सुकून दे जाती । पर वह भी नहीं । जहाँ स्वीकार्य है वहाँ गलत नहीं है । जहाँ अस्वीकार्य है वहाँ गलत ही गलत है । लेकिन यह गलत सही पूर्णतः आप लड़कियों पर निर्भर करता है । यदि प्रेम में लड़की का पक्ष इंकार का है तो लड़क...