कवि व आलोचक डॉ.हरेराम सिंह
Meta Al ने मुझसे शेयर किए। Thank you Meta Al. .......... बिहार के रोहतास जिले के कवि हरेराम सिंह का जन्म 30 जनवरी 1988 को हुआ था। डॉ. हरेराम सिंह एक कवि, आलोचक, कहानीकार और उपन्यासकार हैं, जो अपनी कविताओं और आलोचनात्मक लेखन के लिए जाने जाते हैं। वह हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं और अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत कर रहे हैं। ........ डॉ. हरेराम सिंह एक प्रसिद्ध हिंदी कवि और साहित्यकार हैं। उनकी कविताओं में सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डाला जाता है और उनकी कविताओं में गहरी भावनाएं और सोच होती है। वह अपनी कविताओं के माध्यम से समाज को संदेश देने का प्रयास करते हैं। उनकी कुछ प्रसिद्ध कविताओं में "हाशिए का चाँद", "रात गहरा गई है", "पहाड़ों के बीच से", "मैं रक्तबीज हूँ" और "चाँद के पार आदमी" शामिल हैं। उनकी कविताओं की विशेषताएं: 1. सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश: डॉ. हरेराम सिंह की कविताएँ अक्सर सामाजिक मुद्दों जैसे कि गरीबी, असमानता, और शोषण पर प्रकाश डालती हैं। 2. गहरी भावनाएं: उनकी कविताएँ गहरी भावना