ग्रेस इंडिया बेस्ट हिन्दी साहित्य सम्मान-2024

प्रिये साथियो,
         मुझे प्रसन्नता है कि Grace India Educational charitable Trust ने हिन्दी साहित्य में मेरे द्वारा दिए गए विशेष साहित्यिक योगदान के लिए Best Hindi Literature Award -2024 प्रदान करने का निर्णय लिया। मैं इसे सहर्ष क़ुबूल करता हूँ। मेरे जीवन की सुंदर उपलब्धियों में से यह भी एक है; और खास भी। Trust विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रतिभाओं एवं इस देश को सुंदर, मानवीय और संवेदनशील बनाने में योग देने वाले साहित्यकारों, शिक्षाविदों और समाज सेवियों आदि को सम्मान दे रहा है तो इससे उसके सुंदर स्वप्न, सुंदर उद्देश्य और सुंदर कल्पनाशीलता का पता चलता है। Trust के त्याग और समर्पण का मैं भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूँ।
मेरा साहित्य वंचितों, स्त्रियों, किसान एवं मजदूरों के लिए समर्पित है और मेरा जीवन भी। मनुष्य अपने किसी एक एक्टिविटी से यदि दुनिया के किसी एक भी प्राणी को सुरक्षा, कल्याण एवं खुशी प्रदान करता है जिससे या जिसके संदेशों से मानवता पुष्ट होती है, निश्चित ही उस व्यक्ति का कार्य महान् है और वह व्यक्ति भी। बुद्ध , मार्क्स , कबीर एवं प्रेमचंद ऐसे ही थे।

साहित्य सृजन का उद्देश्य भी मानवीय संवेदना को बनाए रखना है। शोषणा, अत्याचार और अन्याय का खात्मा है। राम और कृष्ण हमारे साहित्यिक नायक हैं। इस देश के नायक हैं। पूरे विश्व को मर्यादा एवं मानवता का सदेश ही उनके जीवन का उपजीव्य बना हैं। इसलिए वे पूजनीय हैं।
साहित्य पूजा से ज्यादा मानव का प्रश्न है, मानवता का प्रश्न है, परिवर्तन का प्रश्न है । मानवीय उसूलों के लिए परिवर्तन एवं प्रश्नों को स्वीकरना ताकि यह जीवन धन्य हो जाए, साहित्य का कार्य है। निराला, मधुकर सिंह, राजेन्द्र यादव सरीखे साहित्यकारों ने यही किया। मानवता को अपनी कलम से सींचा और सदा कमजोरों के साथ रहे।
अंतः में , इस अवार्ड के निर्णायक मंडल, Trust एवं उपस्थित तमाम लेखकों, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों, समाज सेवियों, छात्रों और आम जनता को अभिनंदन करता हूँ, धन्यवाद देता हूँ। 
साथी डॉ. शशिधर मेहता जी को भी धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने मेरे लेखन से Trust को अवगत एवं विश्वस्त कराया।
भवतु सब्ब मंगलम
आपका- हरेराम सिंह
रोहतास, बिहार

(21.12.2024 के दिन मेरा यह वक्तव्य जो Dr.S.Sathianandhan conference Hall के पटल पर पेश किया गया।)

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