साहित्यकार डॉ.हरेराम सिंह
हरेराम सिंह:भारतीय मूल के हिंदी लेखक हैं।इनका जन्म ३०जनवरी १९८८ को बिहार के रोहतास में काराकाट के करुप ईंगलिश गाँव में एक किसान परिवार में हुआ.ये लाल मोहर सिंह कुशवंशी के पौत्र तथा राम विनय सिंह के पुत्र हैं.इनकी माँ का नाम तेतरी कुशवंशी है.इन्होंने सन् २००९ में नालंदा खुला विश्वविद्यालय से एम.ए तथा २०१५ में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय-आरा से पी-एच.डी की डिग्री प्राप्त की.ये हिंदी कवि व आलोचक है.इन्होंने अबतक एक दर्जन पुस्तकों की रचना की.इनकी चर्चित पुस्तकों नें "ओबीसी साहित्य का दार्शनिक आधार" व "हिंदी आलोचना का जनपक्ष" है.कविता-संग्रहों में "हाशिए का चाँद" व "रात गहरा गई है!" मुख्य है.डॉ.हरेराम सिंह साहित्य का मुख्य लक्ष्य इंसान के मस्तिष्क का रचनात्मक विकास मानते हैं ,जो इंसान को सचमुच इंसान बनाता है.
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