when you prosper
हरेराम सिंह गंवई चेतना के समकालीन लेखक , कवि हैं। इनकी अबतक पन्द्रह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जो चर्चा में हैं। इनकी एक कविता ' जब तुम बढ़ोगे ' का मेरे द्वारा अंग्रज़ी में किया गया अनुवाद प्रस्तुत है -
जब तुम बढोगे
जब तुम बढ़ोगे
तुम्हारे शत्रुओं की संख्या लगातार बढ़ेगी
जब तुम बढ़ोगे
तुम्हारी शिकायतें हर तरफ़ सुनाई देंगी
जब तुम बढ़ोगे
तुमसे जलने वाले और जलेंगे
जब तुम बढ़ोगे
तुम्हारे हर कदम पर बाधा होगी
जब तुम बढ़ोगे
तुम्हारी हत्या की साजिश रची जाएगी
जब तुम बढ़ोगे
तो यह कहा जाएगा कि यह दुश्चरित्र है
जब तुम बढ़ोगे
तुम्हारे अपने तुमसे बोलना छोड़ देंगे
जब तुम बढ़ोगे
यह कहा जाएगा कि यह बेईमान है
जब तुम बढ़ोगे
तुमसे सच्चा प्रेम बहुत कम करेंगे
पर ,यह भी सच है
जब तुम बढ़ोगे
पहले से ज्यादा विनम्र होगे
जब तुम बढ़ोगे
तुम अधिकतर से प्रेम करोगे
जब तुम बढ़ोगे
हर समय कुछ देना चाहोगे
पर,यह भी सच है
जब तुम बढ़ोगे
तुम्हारे प्रेम,तुम्हारी विनम्रता, तुम्हारी देयता को
सभी इंकार करेंगे
कवि, हरेराम सिंह
......
अंग्रेज़ी अनुवाद-
When you prosper
When you prosper the number of your
Enemies will perpetually increase
When you prosper the complaints Against you will be heard on each way
When you prosper the jealous will be
More jeslous of you
When you prosper there will be obstacle
At every step of yours
When you prosper the conspiracy for your
Murder will be plotted
When you prosper it will be propagated that
This fellow is having of bad conduct
When you prosper it will be propagated that
This fellow is dishonest
When you prosper the intimates of yours
Will not be on speaking terms with you
When you prosper few people will
Love you truly
But it is also fact
When you prosper you will be
More polite than ever
When you prosper you will love more people
When you prosper you will wish to yield
At all times
But it is also fact
When you prosper
Your love, your politeness, your givenness
Will be denied by all
...... ..... .....
Translated into Enblish by
Kumar Nayan
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