इतिहास चर्चा में.
Jai Prakash Singh Kachhwaha चर्चा करना आपका अधिकार है.कई बड़े इतिहास कारों ने मौर्य को क्षत्रिय या मध्यमवंश का बताया है.तथ्य बदले तो इतिहास बदला.शाक्य से मौर्य बने हैं न कि कुशवाहा मौर्य से.शाक्य राम वंशजों का ही कुल है.रही बात कोलिय की तो मैं कोलिय को सिड्यूल कास्ट कोरी या जुलाहा के बराबर नहीं मानता और न ही नाई को मौर्य.आप नाई को या जुलाहा को कैसे देख रहे हैं यह आप पर निर्भर करता है.इतिहास लेखन तथ्य की विशेषता से है.सौ साल बाद इतिहास का स्वरूप क्या होगा मैं नहीं बता पाऊँगा.सत्ता हाथ से खिसकते ही लोग बडे से छोटे हो जाते हैं.मध्यकाल के इतिहास में एक ही 'जात'का आदमी हैसियत से उच्च व निम्न हुआ है.फिर भी आप सभी अगर खोजी हैं.तो यह अच्छी बात है.मुझे खोजी मन के आदमी विरोधी हो तो भी अच्छा लगता है गर प्रासंगिक व सुशील हो.कई ब्रिटिश अधिकारी मौर्य को कोइरी बताएँ हैं.जयशंकर प्रसाद जैसे नाटककार व इतिहास मर्मज्ञ मौर्य को नाई बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाए हैं.फिर भी हम इमानदार कोशिश करते हैं तो साधुवाद के पात्र बनते हैं.
Comments
Post a Comment