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हमनी दुश्मनवा

दुष्ट दुश्मनवा, ताने सीना हो कि जाग भइया हो कारण बड़ुए हो, देवी-देवता के पुजनवा कहे के त हिन्दू कहे, समझे चमरवा धइके ले जाए, हमनी अब देवी स्थनवा कि जाग भइया हो हमनी नीच समझे बभनवा कोइरी-अहीर के ऊ आगे खड़ा कइलस, धोबिया भाई के यज्ञ के मुखिया बनइलस, कि जाग भइया हो मकसद साधे चोटीवाला होशियरवा बइठल बा बभना, कालीअ स्थान पे, चँदा माँगेला भगति के नाम पे, कि भइया मत दिह हो, नरेटी उहे पकड़ी हो, हमनी के जोर से उ कल्हवा अहीर के छोकरा जयकारी मनावे,  कोइरी के लइका घंटी बजावे, कि जाग भइया हो कि चमरा के लइका झंड़ी के बाँस काट लावे बभना के लइका कलटर बनल बा रजपुत के लइका बिधायकी करत बा कि जाग भइया हो बइठल पिअरी धोती में, हमनी के दुश्मनवा ----शार्दूल कुशवंशी