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बिहार में कुशवाहा की खापें(शाखाएँ)

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बिहार में कुशवाहा द्वारा निर्मित रोहतासगढ़  मां सीता के जुड़वा पुत्र कुश व लव बिहार में कुशवाहा की प्रमुख खापें बारह है ,जो सूर्यवंशी राजा रामचंद्र के ज्येष्ठ पुत्र कुश से संबंध रखती हैं:1.कन्नौजी(कुशस्थली) 2.बनाफर  3.दांगी 4.पिपरपतिया  5.कमरोया 6.सांढ़ैला 7.जलहार (जलुहार)8.हर्डिया (हरदिया) 9.भाम  10.केवान  11.भगतिया 12कछपाहा । ......... बिहार के कुशवाहा क्षत्रिय विधायक(kushlekh.blogspot.com से साभार) .........जय श्रीकुश जय सियाराम साथियों आप सभी का कुश लेख परिवार में हार्दिक स्वागत है। आज हम इस लेख में चर्चा करेंगे कि बिहार में जो 2015 में विधानसभा चुनाव हुआ था,इस दौरान कितने कुशवाहा जीतकर विधायक बने।  बिहार के 2015-20 विधानसभा सत्र में कुल कुशवाहा विधायकों की संख्या 20 है.अब इनके बारे में संक्षिप्‍त जानकारी निम्नलिखित है :- 1. रमेश सिंह कुशवाहा ये अभी सीवान के जिरादेई विधानसभा क्षेत्र से नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से विधायक हैं.इनका जन्म 1 जनवरी 1962 ई. को बिहार के सीवान जिला में हुआ था।इनके पिता का नाम सीताराम सिंह कुशवाहा है। 2. श्री निरंजन कुमार मेहता ये अभ

ओबीसी साहित्य: इतिहास की उपज

2001 में बामीयाना की लंबी बुद्ध मूर्ति का ढहा जाना साधारण घटना नहीं थी। इसका प्रभाव ना सिर्फ एशिया पर; बल्कि एशिया के बाहर भी पडा था। वहीं 2012 में बांग्लादेश में हुए बौद्ध पर हमला भी कम आश्चर्यजनक नहीं था बुद्ध पर हमला का अर्थ ओबीसी के दर्शन पर हमला है इसी तरह कबीर ,ज्योतिबा राव फूले, तथा जगदेव प्रसाद पर हमला का अर्थ भी व्यापक तौर पर भारत के 50% आबादी के दर्शन, सोच विचार तथा साहित्य पर हमला है। आजादी की लड़ाई में उधम सिंह की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता जिस प्रकार की भगत सिंह की भूमिका को।इतिहास का पन्ना इसका उदाहरण है कि ओबीसी की रियासत तथा जमीन को बड़ी बेरहमी से छीना गया है तथा उस पर सवर्ण नाम चस्पा कर दिया गया है। वीरबाला भावसार ने आदिवासी कला नामक पुस्तक में इस बात को स्वीकार किया है कि राजस्थान के अधिकांश राजपूतों ने मूल निवासियों को धोखे से मार कर उनकी भूमि पर अधिकार कर लिया। वहीं डॉ ललन प्रसाद सिंह ने भी कहा है, कि समस्त  उत्तर भारत के अधिकांश भू-भाग पर पहले ओबीसी के राजाओं और जनों का अधिकार था जिसे बाद में हड़प लिया गया उन्हें जमीन, जंगल व सत्ता से बेदखल कर दिया गया यहां तक कि