जब जब याद आए

जब जब याद आए, तुम्ही याद आए
सपनों में, घर से निकलते बार, तुम्ही याद आए
आसमां में घटा छाई थी
यकीन नजर तेरी सुहाई थी
जब चल रही थी धीमी हवा
जुल्फों की कशिश, रंग लाई थी

आज मौसम में खनक है
तुम्हारे आने की भनक है
कोई कह रहा था- तेरा वो
हम गरीबों की दमक है
जालिम डरते हैं साथी
ऐसी ताब व धमक है
जब जब याद आए, तुम्ही याद आए
नदियों के मीठे पानी बन, खेतों में आए

जब हर तरफ से, हम पर जुल्म हो रहे हैं
सितम का पारावार न कम हो रहे हैं
सबकुछ एक-एककर छीने जा रहे हैं
आँखों में आँसू , रुके न रुक रहे हैं
ऐसी विपद की घड़ी में, सिर्फ़ व सिर्फ़
तुम्ही याद आए
'खोने के लिए सिवाए जंजीरों के, कुछ नहीं तेरे पास'
तेरा फलसफा याद आए

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